तुम ख़राब कर लेना अपने कपड़ों को
तुम दाग लगा लेना उनमें घुलने को
पर दिल ख़राब नहीं करना
बिना जाने, बिना समझे
तुम हिसाब नहीं करना
गाँठ पड़ जाएगी, बल आ जाएँगे इस रस्सी में
गले से भर के मुझे जज़्बातों से
तुम सवालात नहीं करना
आखों में देख लेना
सको तो पढ़ लेना
दया की भीख ना देना
नक़ाब कर लेना -२ …