कुछ अनुभूतियाँ हैं जैसे, अनुकूलता और प्रतिकूलता। जो प्रतिकूल है वह दुःख है और जो अनुकूल है वह सुख है। यह तो सभी लोग जानते ही हैं लेकिन अनुकूल क्यों है, प्रतिकूल क्यों है, उसके पीछे हेतु क्या है? इसी तरह जो पसंद है यदि वह मिल जाए तो क्या अनुभव होगा? (सुख) । और जो पसंद नहीं है यदि वह मिल जाए तो आपको क्या मिलता है? दुःख। अच्छा, पसंद क्यों करते हैं, अपसंद क्यों करते हैं, इसके पीछे जड़ में क्या है?
आज मैं कोई नई बात नहीं कह रहा। सब पहले बोली हुई हैं, पर आज हम उसे नए ढंग से रख रहे हैं, इसलिए नयी लगेगी।

आप अपसंद क्यों करते हैं? जैसे हम सब लोग उचित मात्रा में नमकीन, खट्टा -मीठा पसंद करते हैं। यदि उससे बहुत ज्यादा या कम हो जाए तो हमें अच्छा क्यों नहीं लगता? यह कम – ज्यादा क्यों अच्छा नहीं लगता? तुम्हारी गलती है क्या? मान लो, आपको ज्यादा नमक पसंद है पर बहुत ज्यादा डाल दें तो क्यों पसंद नहीं करते? इस “क्यों” को हम कैसे जानें? माने, हमारी इंद्रियाँ ऐसी ही बनी हैं। आँखों को रोशनी पसंद है पर तेज रोशनी आंखों को पसंद नहीं आती। जब हम लोग पूज्य गुरुदेव के साथ रहते थे तो एक गुरु भाई साधुओं को परेशान करने के लिए यही तरीका अपनाते थे कि जब कोई सोने को जा रहा हो तो उसकी आंख में लाइट कर दी । तो वो चिल्लाता था की यह मेरी तरफ क्यों कर दी? सोने जा रहे हो और कोई ज्यादा लाइट कर दे तो परेशानी तो होगी। ऐसे ही तुम पढ़ रहे हो और मैं एकदम लाइट बंद कर दूँ तो तुम्हें कैसा लगेगा?

अब यह चाहे कोई जान कर करें या बेवकूफी से करें। जानकर करे तो ज्यादा अपराधी है और यदि अज्ञानता से हो जाए तो कम अपराधी है। लेकिन, जो ड्यूटी ली है उसमें जानकारी क्यों न करे? यदि आप कार चला रहो हो और नियम ना जानो और कहीं भिड़ गये, एक्सीडेंट हो गया। फिर कह दो कि हम तो जानते नहीं थे। तो हम कहेंगे कि तू बुद्धू है। कार क्यों चला रहा है? ऐसे ही शादी के बाद कोई कहे कि मैं जानता नहीं था तो शादी क्यों की। अरे भाई! जिस रास्ते पर चलना है उस रास्ते की जानकारी करो।

कोई भी आवश्यकता सतत चौबीसों घंटे समान नहीं रहती । इसलिए आवश्यकता बदलते ही वस्तु का मूल्य बदल जाता है। पर जीने की इच्छा, आनंद की इच्छा कभी नहीं बदलती। भोजन करना, न करना बदल जाता है। कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं है कि जो भोजन करना बंद न करता हो । एक भी आदमी ऐसा नहीं है जो लगातार भोजन कर सके। यदि कर सके तो आज हमारे यहाँ उसका निमंत्रण है, पर शर्त यह है कि भोजन शुरू करके बंद नहीं करने देंगे और साथ में ₹100000 इनाम की भी देंगे । इसलिए जिसकी इच्छा हो वह शर्त लगा सकता है। तुम किसी भूखे को ले आना। जिस बेचारे को पेट भर ना मिला हो, उसे हम खिलाएंगे, बशर्ते बंद ना करे। किसी कामी को ले आना….., किसी लोभी को ले आना। उसे रुपए गिनने को बिठएंगे, सोने नहीं देंगे।

कहने का आशय है कि खाना शुरू करोगे तो किस लिए? आनंद के लिए। और जब बंद करोगे तो क्या दुःख चाहोगे? सुख के लिए खाते रहे और सुख लिए ही बंद कर दिया। हम सब काम सुख के लिए करते हैं। जिस में सुख मिलता है उसे करने लगते हैं और जिसमें सुख नहीं मिलता उसे छोड़ देते हैं। यहां तक कि जीने में जब आनंद नहीं मिलता तो भगवान को, गुरु को मनाने लगते हैं कि हे प्रभु हमें मरने का आशीर्वाद दे दो।

(Visited 38 times, 1 visits today)
Share this post

15 Comments

  1. casino online November 6, 2022 at 7:15 am

    I came to this site with the introduction of a friend around me and I was very impressed when I found your writing. I’ll come back often after bookmarking! casino online

    Reply
  2. totosite January 30, 2023 at 7:58 am

    I’ve been troubled for several days with this topic. totosite, But by chance looking at your post solved my problem! I will leave my blog, so when would you like to visit it?

    Reply
  3. binance news April 7, 2023 at 9:59 am

    Your point of view caught my eye and was very interesting. Thanks. I have a question for you.

    Reply
  4. Binance Registrazione April 14, 2023 at 5:35 am

    Your article helped me a lot, is there any more related content? Thanks!

    Reply
  5. jsvmp September 1, 2023 at 10:02 pm

    jsvmp hello my website is jsvmp

    Reply
  6. Dnfsdd8hfa8 October 26, 2023 at 4:46 am

    Dear immortals, I need some wow gold inspiration to create.

    Reply
  7. fun88 ถอนเง น นาน ไหม June 6, 2024 at 8:02 am

    fun88 ทางเข าเด ทท อป เป็นที่นิยมในการเดิมพันกีฬาที่หลากหลาย คุณสามารถเลือกเดิมพันในกีฬาที่คุณชื่นชอบได้ นอกจากนี้ยังมีคาสิโนสดที่น่าตื่นเต้นรอคุณอยู่ เช่น บาคาร่า รูเล็ต และสล็อตออนไลน์อีกมากมาย

    Reply

Leave A Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *